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GOOGLE OR OPEN AI जैसे AI पॉवरफुल MODELS को Use करके Deepfake बनाने के लिए। लेनी होगी सरकार की मंजूरी।

आजकल सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग (#Trending) में रहने वाले डीपफेक वीडियो (#DeepfakeVideo) असल में कितने असली होते हैं, ये अब एक बड़ा सवाल बन गया है। इन वीडियो में मशहूर हस्तियों (#Celebrity) की बातों और हरकतों में हेरफेर कर उन्हें कुछ और ही दिखाया जाता है। इस टेक्नॉलॉजी के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब डीपफेक ऐप (#DeepfakeApp) या वेबसाइट बनाने वाली कंपनियों जैसे GOOGLE OR OPEN AI जैसे AI पॉवरफुल MODELS को Use करके  Deepfake बनाने के लिए। लेनी होगी सरकार की मंजूरी।


GOOGLE OR OPEN AI जैसे AI पॉवरफुल MODELS को Deepfake बनाने के लिए। लेनी होगी सरकार की मंजूरी।
AI GENERATED MAN

सरकार का मानना है कि Deepfake का गलत इस्तेमाल फेक न्यूज (#FakeNews) फैलाने और लोगों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है। इन नए नियमों के तहत, डीपफेक वीडियो में यह स्पष्ट रूप से बताना होगा कि ये असली नहीं है, बल्कि कंप्यूटर की मदद से बनाया गया है। साथ ही, ऐसी सामग्री का निर्माण नहीं किया जा सकता जो चुनावों में धोखाधड़ी (#ElectionFraud) को बढ़ावा दे या भारतीय कानून का उल्लंघन करे।

ऑनलाइन बोलने की आजादी पर असर?

सरकार का ये कदम कुछ लोगों को इसलिए चिंता में डाल सकता है कि इससे कहीं ऑनलाइन बोलने की आजादी कम ना हो जाए। आइए देखें कैसे:

  • सरकार की मनमानी का डर: कुछ लोगों को लगता है कि सरकार मनमाने ढंग से यह तय कर सकती है कि कौन सा Deepfake फेक न्यूज है और कौन सा नहीं। इससे सरकार अपनी आलोचना करने वाले लोगों को निशाना बना सकती है।
  • व्यंग के ढंग में सरकार से सवाल पूछना।और कॉमेडी पर रोक:
 कई बार डीपफेक का इस्तेमाल व्यंग (पैरोडीया कॉमेडी के लिए किया जाता है। हो सकता है कि सख्त सरकारी नियमों की वजह से ऐसे कंटेंट को बनाना मुश्किल हो जाए। इससे कॉमेडी करने वाले लोगों की आजादी कम हो सकती है।
  • कानूनी पेचिदगियां: अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि डीपफेक के जरिए किस तरह की चीजों को गलत माना जाएगा। इस वजह से क्रिएटर्स को असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। वह यह नहीं जान पाएंगे कि उनका बनाया हुआ डीपफेक सही है या गलत। इससे क्रिएटर्स खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ चीजें बोलने से बच सकते हैं।
हालाँकिसरकार का कहना है कि उनका मकसद ऑनलाइन बोलने की आजादी को खत्म करना नहीं हैबल्कि सिर्फ गलत सूचना और फेक न्यूज को फैलने से रोकना है।
GOOGLE OR OPEN AI जैसे AI पॉवरफुल MODELS को Deepfake बनाने के लिए। लेनी होगी सरकार की मंजूरी।
AI GENERATED 
आम लोगों पर क्या होगा असर?

सरकार के इस कदम से आम लोगों को ऑनलाइन दुनिया में ज्यादा सुरक्षा मिलने वाली है। अब जब भी आप कोई वीडियो या ऑडियो देखें जो थोड़ा अजीब लगे, तो हो सकता है वो डीपफेक हो। इससे पहले कि आप उस पर विश्वास कर लें, थोड़ा रुकें और जांच-परख करें।

सरकार का ये कदम क्यों जरूरी है?

डीपफेक टेक्नॉलॉजी लगातार तरक्की कर रही है और भविष्य में इसके दुरुपयोग की आशंका और भी ज्यादा बढ़ सकती है। सरकार का यह कदम इस टेक्नॉलॉजी को सुरक्षित और जिम्मेदारी से इस्तेमाल करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। उम्मीद है कि इससे भविष्य में ऑनलाइन ठगी और फेक न्यूज पर लगाम लगेगी।


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Source:-https://www.livemint.com/news/india/intermediaries-must-seek-government-approval-to-provide-genai-services-it-ministry-11709373353793.html

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