न्यायालय (Court) ने चार पत्रकारों - सुधीर चौधरी (आज तक), अमन चोपड़ा (न्यूज़ 18 इंडिया), अमित देवगन (न्यूज़ 18 इंडिया) और हिमांशु (टाइम्स नाउ नवभारत) - को लव जिहाद के नाम पर नफरत फैलाने के लिए जुर्माना लगाया है।
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न्यायालय
ने सुधीर चौधरी को उनकी रिपोर्टिंग
के लिए फटकार लगाई
और कहा कि उनकी
भाषा "भड़काऊ" और "विभाजनकारी" थी।
जुर्माने
की राशि:
- अमन चोपड़ा और अमित देवगन को 50,000 रुपये का जुर्माना
- हिमांशु को 1 लाख रुपये का जुर्माना
इंद्रजीत घोरपड़े की भूमिका:
यह जुर्माना इंद्रजीत घोरपड़े की एक बड़ी
जीत है, जो पिछले
कई सालों से इन पत्रकारों
के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे।
घोरपड़े एक सामाजिक कार्यकर्ता
हैं जो लव जिहाद
के नाम पर फैलाई
जा रही नफरत के
खिलाफ आवाज उठाते रहे
हैं।
एक महत्वपूर्ण फैसला:
यह फैसला न केवल इन
पत्रकारों के लिए एक
झटका है, बल्कि उन
सभी लोगों के लिए भी
एक चेतावनी है जो नफरत
और सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश करते
हैं। यह फैसला भारत
में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और
प्रेस की स्वतंत्रता के
लिए भी महत्वपूर्ण है।
यह फैसला निम्नलिखित संदेश देता है:
- नफरत फैलाने के लिए पत्रकारिता का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
- पत्रकारों को अपनी रिपोर्टिंग में जिम्मेदार और सच्चा होना चाहिए।
- नफरत और सांप्रदायिकता के खिलाफ आवाज उठाने वालों को न्याय मिलेगा।
इन पत्रकारों द्वारा किए जाने वाले प्रोग्राम्स को कोर्ट ने एक हफ्ते के अंदर ऑनलाइन से डिलीट करने का आदेश दिया है।इन पत्रकारों को कोर्ट ने फटकार तो लगाइए साथ ही साथ एक जुर्माना भरने का आदेश भी दिया है। यह जुर्माना है। उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है।
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