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Electoral Bonds विवाद 2024 (Electoral Bonds Controversy 2024)

Electoral Bonds विवाद 2024 (Electoral Bonds Controversy 2024)

Electoral Bonds क्या हैं? (What are Electoral Bonds?)

Electoral Bonds वित्तीय साधन हैं जो राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये बांड भारतीय स्टेट बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं और ₹1,000, ₹10,000, ₹1 लाख, ₹10 लाख और ₹1 करोड़ के मूल्यवर्ग में उपलब्ध होते हैं।
Electoral Bonds Controversy 2024
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Electoral Bonds योजना की शुरुआत (Introduction of the Electoral Bonds Scheme)

निर्वाचन बांड योजना 2018 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य राजनीतिक दलों के लिए धन उगाहने में पारदर्शिता लाना था।

 

Electoral Bonds कैसे काम करते हैं? (How Electoral Bonds Work)

निर्वाचन बांड खरीदने वाले व्यक्ति या संस्था को अपनी पहचान का खुलासा नहीं करना होता है। बांड खरीदने के बाद, उन्हें किसी भी पंजीकृत राजनीतिक दल को दान किया जा सकता है। दान प्राप्त करने वाला राजनीतिक दल बांड को बैंक में जमा कर सकता है, जिसके बाद बैंक बांड की राशि को दल के खाते में जमा कर देता है।

 

Electoral Bonds विवाद के केंद्र में क्या है? (What's at the Heart of the Electoral Bond Controversy?)

निर्वाचन बांड योजना को लेकर कई विवाद हैं, जिनमें शामिल हैं:

 

पारदर्शिता की कमी: चूंकि बांड खरीदने वाले व्यक्ति या संस्था को अपनी पहचान का खुलासा नहीं करना होता है, इसलिए यह योजना राजनीतिक दलों को गुप्त धन प्राप्त करने की अनुमति देती है।

विदेशी फंडिंग का डर: कुछ लोगों को डर है कि निर्वाचन बांड का उपयोग विदेशी ताकतों द्वारा भारतीय राजनीतिक दलों को धन मुहैया कराने के लिए किया जा सकता है।

असमान प्रतिस्पर्धा: बड़े राजनीतिक दलों के पास छोटे दलों की तुलना में निर्वाचन बांड खरीदने की अधिक क्षमता होती है, जिससे चुनावों में असमान प्रतिस्पर्धा पैदा होती है।

2024 के चुनावों पर Electoral Bonds का क्या प्रभाव होगा? (How Will Electoral Bonds Impact 2024 Elections?)

Electoral Bonds 2024 के चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है। बड़े राजनीतिक दल, जिनके पास बड़ी धन जुटाने की क्षमता है, वे इन बांडों का उपयोग अपने चुनाव अभियानों को वित्तपोषित करने के लिए कर सकते हैं। इससे छोटे दलों के लिए चुनाव लड़ना मुश्किल हो सकता है।

 

Electoral Bonds विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला (Supreme Court's Verdict on Electoral Bond Controversy)

Electoral Bonds Controversy 2024
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15 फरवरी, 2024 को, सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन बांड योजना को असंवैधानिक करार दिया। कोर्ट ने कहा कि यह योजना पारदर्शिता की कमी, विदेशी फंडिंग के डर और असमान प्रतिस्पर्धा जैसी चिंताओं को दूर करने में विफल रही है।

 

राजनीतिक प्रभाव (Political Impact of the Verdict)

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राजनीतिक दलों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। बड़े राजनीतिक दलों को अब धन जुटाने के लिए नए तरीके खोजने होंगे। छोटे दलों को इस फैसले से फायदा हो सकता है, क्योंकि अब उन्हें बड़े दलों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए उतने पैसे की आवश्यकता नहीं होगी।

 

Electoral Bonds विवाद 2024

निष्कर्ष (Conclusion)

15 फरवरी, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने Electoral Bonds योजना को असंवैधानिक करार दिया। यह फैसला भारतीय चुनाव प्रणाली में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Electoral Bonds विवाद इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

यह विवाद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह चुनावों में धन के उपयोग और पारदर्शिता से संबंधित है। Electoral Bonds योजना की आलोचना इस बात के लिए की गई थी कि यह राजनीतिक दलों को गुप्त धन प्राप्त करने की अनुमति देती है, जिससे चुनावों में असमान प्रतिस्पर्धा पैदा होती है। [1: https://www.jagran.com/did-you-know/general-electoral-bonds-scheme-why-were-electoral-bonds-cancelled-understand-the-meaning-of-the-supreme-court-decision-know-what-will-be-the-impact-on-whom-23653736.html]

क्या Electoral Bonds पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे?

यह अभी स्पष्ट नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को चुनावों में धन के उपयोग को विनियमित करने के लिए एक नया कानून बनाने का निर्देश दिया है। यह संभव है कि सरकार एक नया कानून बनाए जिसमें निर्वाचन बांड योजना के कुछ पहलुओं को शामिल किया जाए।[2: https://www.amarujala.com/india-news/what-are-electoral-bonds-and-why-did-the-supreme-court-struck-down-the-scheme-2024-02-15]

विपक्षी दल Electoral Bonds का विरोध क्यों कर रहे हैं?

विपक्षी दलों का तर्क है कि निर्वाचन बांड योजना पारदर्शी नहीं है और यह राजनीतिक दलों को गुप्त धन प्राप्त करने की अनुमति देती है। वे यह भी आरोप लगाते हैं कि यह योजना सत्तारूढ़ दल को अनुचित लाभ देती है। [3: https://www.zeebiz.com/hindi/economy/policy-initiatives/electoral-bond-government-is-considering-on-alternate-revealing-names-will-be-breach-of-trust-159761]

निर्वाचन सुधार के लिए और क्या किया जा सकता है?

निर्वाचन सुधार के लिए कई अन्य उपाय किए जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • राजनीतिक दलों के लिए धन के स्रोतों का खुलासा करना अनिवार्य करना
  • चुनाव खर्च की सीमा को कम करना
  • चुनावों में राज्य के वित्तपोषण की शुरुआत करना
  • चुनावी सुधारों के लिए एक स्वतंत्र आयोग की स्थापना करना

क्या आम आदमी को Electoral Bonds विवाद से कोई लेना-देना है?

हां, आम आदमी को Electoral Bonds विवाद से लेना-देना है। यह विवाद चुनावों में धन की भूमिका और लोकतंत्र की गुणवत्ता से संबंधित है। यदि चुनावों में धन का उपयोग पारदर्शी और जवाबदेह नहीं है, तो यह लोकतंत्र को कमजोर कर सकता है।

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Sources

  1. Jagran: चुनावी बॉन्ड क्यों हुआ रद्द? सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मतलब ...: https://www.jagran.com/did-you-know/general-electoral-bonds-scheme-why-were-electoral-bonds-cancelled-understand-the-meaning-of-the-supreme-court-decision-know-what-will-be-the-impact-on-whom-23653736.html

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